Bhagavad Gita : Serving the Wisdom of Life
यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः। तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम॥ (अठारहवां अध्याय, श्लोक 78) इस श्लोक का अर्थ है: जहाँ योगेश्वर भगवान् श्रीकृष्ण हैं और जहाँ गाण्डीवधनुषधारी अर्जुन हैं. वहाँ ही श्री विजय विभूति और अचल नीति है ऐसा मेरा मत है। Gita Jayanti in Dvapara Yuga was that auspicious day when Sri Krishna, the […]
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